सिगरेट छोड़ने के बाद कैसा हो जाता है आपका शरीर What happens after leave smoking 2024

 

What happens after leave smoking



डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में 130,00,00,000 ऐक्टिव स्मोकर्स है। लेकिन क्या आप जानते हैं सिगरेट / smoking छोड़ने के बाद आपके शरीर की क्या हालत हो सकती है?

सिगरेट पीना हमारी सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। फैशन के चक्कर में कॉलेज के दिनों में लगी यह आदत हमारे लाइफ स्टाइल का हिस्सा कब बन जाती है, यह हमें एहसास भी नहीं होता। हमें अक्सर यह पता ही नहीं चलता कि इस आदत ने हमें कब अंदर से खोखला कर दिया। इस आदत की वजह से इतनी बीमारियां हमें घेर लेती है कि जब तक हमें इसका पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है। सोचने की बात यह है कि आखिर सिगरेट में ऐसा क्या है ?


सिगरेट से निकलने वाला हानिकारक धुआं जो हमारे सांस के जरिए हम अंदर लेते हैं, वह एक प्रकार का धीमा जहर है जो धीरे धीरे आपकी जान लेता है। सिगरेट के धुएं में तार अमोनिया लेट जैसे 7000 से भी अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से 70 से भी अधिक रसायन कैंसर जैसी बिमारी पैदा करते हैं। स्मोकिंग का मेन अडिक्टिव सबस्टैन्स निकोटीन होता है जो एक स्मोकर के दिमाग को रिलैक्स करता है और असल में वो इतना हानिकारक नहीं होता है जितना उससे निकलने वाला धुआं जो हमारे शरीर के लिए एक तरह का दुश्मन होता है।

लेकिन खुशी की बात यह है कि इसे छोड़ने के कुछ ही मिनटों बाद आपके शरीर के अंदर सकारात्मक बदलाव होने शुरू हो जाते है। स्मोकिग छोड़ने के 15 मिनट बाद ही स्मोकर की बॉडी में पॉज़िटिव चेंज होना शुरू हो जाता हैं। आपका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर नॉर्मल होना शुरू हो जाता है। सिगरेट पीने से दिमाग में नौ और न्यूरोट्रांस्मीटर्स रिलीज करता है, जो ब्लड सेल्स यानी रक्त कोशिकाओं और हार्ट रेट को इन्क्रीज़ करता था। इसे छोड़ने के बाद निकोटीन शरीर और दिमाग में जाता ही नहीं है।



इसलिए यह ट्रांसमीटर स्विलिस नहीं होते और हार्ट रेट नॉर्मल हो जाता है। 8 घंटे तक सिगरेट न पीने पर आपके शरीर में मौजूद पॉज़ीस कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ब्लड स्ट्रीम से क्लियर होने लगती है, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा नॉर्मल हो जाती है जिसकी वजह से ब्लड की ऑक्सीजन कैटरिंग कैपेसिटी बढ़ जाती है। यह तो है शरीर के अंदर होने वाले फायदे लेकिन अगर दिमाग की बात करें तो यह आपको सिगरेट की तरफ खींचता चला जाएगा, क्योंकि सिगरेट पीने से निकोटीन ज्यादा मात्रा में रिलीज करता है यानी फीलगुड जिससे आप रिलैक्स महसूस करते हो।

क्योंकि 8 घंटे से आपने सिगरेट नहीं पी है तो आपको हो सकते हैं की मात्रा अब कम हो चुकी है। इसलिए इरिटेशन मूड सविन्ग्ज़, कमजोरी, सोने में मुश्किल स्ट्रेस।



और तो और कई केसेस में डिप्रेशन जैसे सिम्पटम्स भी हो सकते हैं। अगर आपने सिम्पटम्स में आपकी सिगरेट की तलब रोक दी तो समझ लीजिए आप आंधी जंग जीत चूके हैं जैसे यह आपकी लास्ट सिगरेट को 24 घंटे खत्म होंगे। आपके शरीर के अंदर और फायदे होने शुरू हो जाते हैं। अब आपकी बॉडी टॉक्सिन्स को बाहर फेंकना शुरू कर दे दी है। स्मो-किंग की वजह से जो लंग्स में टॉक्सिन्स जमा हुए थे वह अब खांसी के जरिए बाहर निकलते हैं। इससे आपके फेफड़ों को आराम मिलेगा और आपको उस सांस लेने में ज्यादा आसानी होगी। हो सकता है कि इन सभी के दौरान आपको यह लगे कि आपकी तबियत सुधारने के बदले और बिगड़ रही है



लेकिन आपके शरीर के अंदर पॉज़िटिव चेंजेस हो रहे हैं। अड़तालीस घंटे बाद हमारे डैमेज हुए रक्त कोशिकाएँ और नव लाइनिंग ज़ री ग्रो होना शुरू हो जाती है। डिस्बर्स और मैं भी वापस लौट आता है। अब अड़तालीस घंटे यानी दो दिनों के बाद जो की मात्रा दिमाग में एकदम कम हो जाती है और अब आपका दिमाग के लिए काफी करेव करता है। एसपी चक्कर उल्टी सोसाइटी, शिवलिंग जैसी चीजें होना शुरू हो जाती है।

यही समय है हिम्मत से काम लेने का क्योंकि वापस स्मोक की गई एक सिगरेट आपके 2 दिन की मेहनत बर्बाद कर सकती है। अगर आपने 72 घंटे यानी 3 दिन स्मोकिंग के बिना बिता लिए और इसे एक महीने तक कायम रखा तो आपका शरीर इतना नॉर्मल हो जाएगा कि बीमारियां जैसे हार्ट डिजीज, टाइप टू डायबिटीज़ और लांग कैंसर की संभावना ना के बराबर हो जाती है। हालांकि आप किसी भी एक्सरसाइज या फिजिकल ऐक्टिविटी के वक्त जल्दी थक जाएंगे लेकिन धीरे धीरे जैसे आपके फेफड़े अच्छी तरह से फ़ंक्शन करने लगेंगे। आपका बढ़ेगा और आप पहले की तुलना में ज्यादा एनर्जेटिक फील करेंगे।



हेवी स्मोकर्स में कार्बन मोनोऑक्साइड की ज्यादा मात्रा होने की वजह से आरबीसी इस यानी रेड ब्लड सेल्स का आकार भी बढ़ जाता है, जिसकी वजह से खून गाढ़ा यानी ठीक बन जाता है। इसके कारण बीपी और ब्लड क्लॉट्स होने के चान्सेस स्मोकर्स में काफी ज्यादा होते है। इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं। धूम्रपान के बिना 5 साल बाद बॉडी ही करने लगती है और ब्लड वेसल्स और आर्टेरीस वापस वायरल होने लगती है, जिससे ब्लड क्लॉट नहीं होता और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है।

धूम्रपान छोड़ने के 15 से 20 साल बाद धूम्रपान से होने वाले कारणों से मृत्यु होने की संभावना किसी नॉन स्मोकर जितनी हो जाती है। अगर यह सब जानकर भी आप अनजान बने रहे तो धूम्रपान आपकी जिंदगी के लिए काफी घातक साबित हो सकता है।

सिगरेट कैसे आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है



आइए जानते हैं धूम्रपान कैसे आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है

  1. ऑटोइम्यून चीज़ हम सभी में इन्फेक्शन्स और रोगों से लड़ने की शक्ति होती है, जिसे हम इम्यून सिस्टम कहते हैं और इससे जुड़े रोगों को ऑटो इम्यून डिज़ीज़ कहा जाता है। अब अगर हम स्मोक करते हैं तो हमारी इम्यून सिस्टम वीक हो जाती है, जिससे इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। हेवी स्मोकर्स में टाइप टू डायबिटीज़ होने का कारण माना गया है।
  2. लंग्स ऐंड ब्रीडिंग डिसीस इस बात से कोई अनजान नहीं है कि धूम्रपान का नकारात्मक प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव धूम्रपान करने वाले इंसान के फेफड़ों पर पड़ता है, क्योंकि सिगरेट या हुक्के से निकलने वाला धुआं सबसे पहले फेफड़ों में ही गुस्सा है।
  3. वीकनेस ऑफ बॉल्ज़। हार्ट एंड ब्लड वेसल्स लिंक डिसीस धूम्रपान इतना घातक होता है कि यह रक्त कोशिकाओं यानी सेल्स को धीरे धीरे नष्ट कर देता है और दिल को पूरी तरह से कमजोर कर देता है। इससे कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है।
  4. वीकनेस ऑफ बॉल्ज़ जैसे ज्यादा शराब पीने वालों में पॉज़िटिव फोर्स इसका खतरा बढ़ जाता है, वैसे ही धूम्रपान करने वालों में भी इसकी संभावना बढ़ जाती है। अगर आप नहीं जानते तो हम आपको बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बिमारी है जिसमें हड्डियाँ कमजोर हो जाती है और कुछ भी ऐक्सिडेंट होने पर हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

महिला बीमारियाँ होने की संभावनाओं

अगर महिला स्मोकर्स की बात करें तो ये सब बीमारियाँ होने की संभावनाओं के साथ साथ उनके शरीर में एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाता है जिसके कारण कम उम्र में ही मेनोपॉज़ के समटाइम्स दिखने लगते हैं। इसके अलावा धूम्रपान करने वाले लोगों में हार्ट अटैक कार्डियोवस्क्युलर डिसीस स्किन से जुड़ी समस्याएं कैटरैक्ट मस्क्युलर डीजेनरेशन हाईबीपी स्ट्रोक जैसी बीमारियां होने की संभावना भी काफी ज्यादा होती है।

स्मोकिंग को कैसे छोड़ा जाए



आइए अब बात करते हैं कि आखिर निकोटीन की इस लत को छोड़ा कैसे जाए तो दोस्तों, हम एक ही चीज़ कहेंगे कि किसी भी आदत को छोड़ने के लिए सबसे पहले तो हमें अपने थॉट प्रोसेसर को चेंज करने की और अपना विल पावर स्ट्रॉन्ग करने की जरूरत है। इसके अलावा एक प्रॉपर प्लैन और चेंजेज इस आदत को छोड़ने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर एक यूएस स्टडी के मुताबिक कुछ खाने ऐसे होते हैं जिससे खाने के बाद अगर स्मोक करें तो अच्छा महसूस होता है।

वहीं कुछ ऐसे खाने भी होते हैं जिसके बाद अगर सिगरेट पीछे आये तो टेस्ट टेबल आता है। कई साइंटिफिक स्टडीज़ में यह प्रूफ किया है कि सिगरेट छोड़ने की प्रोसिस के बाद 5 मिनट तक की गई एक्सरसाइस या वॉक भी आपके दिमाग में इंटीग्रेट इन केमिकल्स रिलीज करती है। अगर इस सबके बाद भी आप वो एक कश के लिए तरस रहे हैं तो आप टैबलेट्स, बेचेस न जल स्प्रे गम और ई सिगरेट जैसे प्रॉडक्ट की मदद से ये लत छोड़ सकते हैं। तो दोस्तों यह सब जानने के बाद आपका इस विषय में क्या कहना है?

इसलिए बेहतर खानपान और एक अच्छा सवस्थ संतुलित लाइफ स्टाइल बहुत जरूरी है। अपना ध्यान रखें ऐसे और fitnessxtips के लिए सब्सक्राइब कीजिए आज। viruwap

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